SHIV CHAISA - AN OVERVIEW

Shiv chaisa - An Overview

Shiv chaisa - An Overview

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धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥

Lord, when the ocean was churned plus the fatal poison emerged, out of the deep compassion for all, You drank the poison and saved the world from destruction. Your throat grew to become blue, As a result You're known as Nilakantha.

एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥

Devotees who chant these verses with powerful appreciate become prosperous from the grace of Lord Shiva. Even the childless wishing to get little ones, have their dreams fulfilled after partaking of Shiva-Prasad with faith and more info devotion.

शिव चालीसा का पाठ पूर्ण भक्ति भाव से करें।

अर्थ: हे शिव शंकर आप तो संकटों का नाश करने वाले हो, भक्तों का कल्याण व बाधाओं को दूर करने वाले हो योगी यति ऋषि मुनि सभी आपका ध्यान लगाते हैं। शारद नारद सभी आपको शीश नवाते हैं।

अर्थ: हे प्रभू आपके समान दानी और कोई नहीं है, सेवक आपकी सदा से प्रार्थना करते आए हैं। हे प्रभु आपका भेद सिर्फ आप ही जानते हैं, क्योंकि आप अनादि काल से विद्यमान हैं, आपके बारे में वर्णन नहीं किया जा सकता है, आप अकथ हैं। आपकी महिमा का गान करने में तो वेद भी समर्थ नहीं हैं।

श्रीरामचरितमानस धर्म संग्रह धर्म-संसार एकादशी

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥

जन्म जन्म Shiv chaisa के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥

त्रयोदशी ब्रत करे more info हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥

त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥

लिङ्गाष्टकम्

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